नई दिल्ली:
इजरायल ने हमास के खिलाफ संघर्ष विराम के लिए अमेरिका समर्थित प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. इजरायल और हमास के बीच कई महीनों से जंग जारी है. एपी की खबर के मुताबिक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इसकी जानकारी देते हुए हमास से भी ऐसा करने का आह्वान किया.
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय में उनके साथ एक निजी बैठक की. इसके बाद एक विस्तारित बैठक आयोजित की गई,जिसमें सामरिक मामलों के मंत्री,प्रधानमंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ,राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उप निदेशक,प्रधानमंत्री के सैन्य सचिव,विदेश नीति सलाहकार,बंधकों और लापता लोगों के लिए समन्वयक,इजरायल में अमेरिकी राजदूत और प्रधानमंत्री के प्रवक्ता भाग लेंगे.
ब्लिंकन मिस्र और इजरायल की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य मिस्र और कतर के समर्थन से अमेरिका द्वारा पेश प्रस्ताव के माध्यम से युद्ध विराम और बंधकों तथा बंदियों की रिहाई के लिए समझौते की दिशा में अमेरिका के गहन कूटनीतिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के रास्ते खोजना है.अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि इस प्रस्ताव से गाजा में युद्ध विराम हो जाएगा,सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित हो जाएगी,ये सुनिश्चित हो जाएगा कि पूरे गाजा में मानवीय सहायता पहुंच सके,तथा व्यापक क्षेत्रीय स्थिरता के लिए परिस्थितियां तैयार हों.
इससे पहले दिन में ब्लिंकन ने इजरायल के राष्ट्रपति आईजैक हर्जोग से मुलाकात की. इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद से इस क्षेत्र की उनकी यह नौवीं यात्रा थी.
बंधकों को घर वापस लाने और युद्ध विराम कराने को निर्णायक क्षण और आखिरी अवसर करार देते हुए ब्लिंकन ने कहा कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर गहन कूटनीतिक प्रयास के तहत इजरायल का दौरा कर रहे हैं.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा,"अब समय आ गया है कि इसे पूरा कर लिया जाए. ये सुनिश्चित करने का भी समय आ गया है कि कोई भी ऐसा कदम न उठाए जो इस प्रक्रिया को पटरी से उतार दे,और इसलिए हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि कोई तनाव न बढ़े,कोई उकसावे की कार्रवाई न हो,कोई ऐसी कार्रवाई न हो जो किसी भी तरह से हमें इस समझौते को पूरा करने से रोके."उन्होंने कहा,"मैं जानता हूं कि इजरायल में यह एक तनावपूर्ण क्षण है,क्योंकि ईरान,हिजबुल्लाह और अन्य स्रोतों से हमले की आशंका को लेकर गहरी चिंता है. जैसा कि आपने राष्ट्रपति को कहते सुना,अमेरिका ने किसी भी हमले को रोकने और यदि आवश्यक हो,तो किसी भी हमले से बचाव के लिए यहां सेना तैनात करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की है."