रेगिस्तान में भटका तेलंगाना का युवक,भूख-प्यास से मौत
नई दिल्ली:
सऊदी अरब का सबसे दुर्गम और खतरनाक रेगिस्तान,जहां दूर-दूर तक सिर्फ रेत ही रेत है,ना पानी और पेड़ पौधे और ना ही लोगों की बसावट... ऐसी जगह तेलंगाना का एक 27 साल का युवक शहजाद और उसके सूडानी साथी की मौत हो गई. ये दोनों इसी रेगिस्तान के भंवर में ऐसे फंसे की फिर निकल नहीं पाए.करीमनगर निवासी मोहम्मद शहजाद खान,जो 3 साल से सऊदी अरब में एक टेलीकॉम कंपनी में काम कर रहे थे,वो एकदम उजाड़ और खतरनाक रुब-अल-खाली रेगिस्तान में अपने साथी के साथ फंस गए थे. ये रेगिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में से एक है. 650 किलोमीटर से अधिक दूरी तक फैला रुब अल खली अपने दुर्गम इलाके के लिए पहचाना जाता है,जहां सर्वाइल अपने आप में एक बड़ी चुनौती है.
यहां रहता है 56 डिग्री तापमान,ना पेड़-पौधे,न दूर-दूर तक दिखता है कोई इंसान
रुब अल खली दुनिया में निरंतर रेत का सबसे बड़ा क्षेत्र है. पूरे सऊदी अरब के कुल क्षेत्रफल के एक चौथाई से अधिक क्षेत्र में ये फैला हुआ है.यहां की रेत महीन और मुलायम है. दुनिया के सबसे शुष्क क्षेत्रों में एक है,जहां पानी और खाना के साथ भी सर्वाइव करना आसान नहीं है,फिर इन दोनों युवकों के पास तो दोनों ही चीजें खत्म हो गई थी. सउदी अरब में मान्यता है कि रुब अल खाली में एक इरम नाम का शहर था,जो अब इस रेत में ही खो चुका है. यहां इक्के-दुक्के स्थानों पर अब भी कुछ कबीले रहते हैं. यहां बिच्छू और चूहे होते हैं. पेड़-पौधे काफी कम हैं. बताया जाता है कि कभी यहां कुछ हिस्सों में झीले हुआ करती थीं,लेकिन अब सूखे फर्श रह गए हैं. इस रेगिस्तान के पूर्वी छोर पर अम्म अस समीम जैसे इलाकों में कुछ सूखे नमक के मैदान हैं. यहां की रेत में फ्लेडस्पार मिश्रित है,जिससे उसका रंग लाल लगता है. यहां साल में 3 सेंटीमीटर से भी कम बारिश पड़ती है. यहां दिन में औसत तापमान 47 डिग्री और कभी कभी 56 डिग्री तक भी पहुंच जाता है.