वर्ष 2024 में 15 जनवरी से 15 जुलाई के बीच भारत में 42 लाख शादियां हुईं,जिन पर 5.5 लाख करोड़ रुपये का खर्च किया गया...
मुंबई:
जल्द ही आने वाले शादियों के सीज़न में,यानी नवंबर से दिसंबर मध्य,2024 के दौरान भारत में होने जा रही अनुमानित 35 लाख शादियों पर हिन्दुस्तान में कुल 4.25 लाख करोड़ रुपये (₹4.25 ट्रिलियन) खर्च किए जाएंगे. यह अनुमान पीएल कैपिटल-प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट में लगाया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक,"अनुमान है कि भारत में नवंबर और मध्य दिसंबर के बीच ही 35 लाख शादियां होंगी... यह आंकड़ा वर्ष 2023 की इसी अवधि के दौरान 32 लाख रहा था... इस साल इन आयोजनों पर 4.25 लाख करोड़ रुपये का खर्च होने की उम्मीद है..."
'बैंड,बाजा,बारात एंड मार्केट्स' शीर्षकयुक्त रिपोर्ट के अनुसार,जुलाई माह में पेश किए गए केंद्रीय बजट में सोने के आयात शुल्क में कटौती से त्योहारी और शादी के मौसम में बड़े खर्च को बढ़ावा मिलेगा.
रिपोर्ट में कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के एक सर्वेक्षण के हवाले से कहा गया है कि 15 जनवरी से 15 जुलाई के बीच भारत में 42 लाख से अधिक शादियां हुईं,जिनमें 5.5 लाख करोड़ रुपये (₹5.5 ट्रिलियन) का अनुमानित खर्च हुआ. अब इस साल नवंबर और मध्य दिसंबर के बीच ही 35 लाख और शादियां होने का अंदाज़ा है,जिनमें लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
भारत में शादियों और त्योहारों के सीज़न के दौरान एयरलाइन्स और होटल बुकिंग जैसी प्रीमियम सेवाओं पर भी खर्च में बढ़ोतरी देखी जाती है. बढ़ी हुई इस मांग के फलस्वरूप कंपनियों का लाभ मार्जिन बढ़ता है,जिससे अंततः भारत के आर्थिक विकास को भी सहारा मिलता है.
रिपोर्ट के मुताबिक,"यह पहल देशभर में लगभग 25 खास स्थानों को हाईलाइट करने से शुरू होगी... 'मेक इन इंडिया' की कामयाबी की तर्ज पर बनाई गई इस रणनीति का मकसद लगभग 12.1 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹1,01,300 करोड़) की रकम को खींचकर भारत लाना है,जो फिलहाल विदेशों में डेस्टिनेशन वेडिंग पर खर्च की जाती है..."