पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की.
नई दिल्ली:
अमेरिका (US) में शनिवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की मुलाकात हुई. इसमें बाइडेन ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि अमेरिका भारत की महत्वपूर्ण आवाज को विस्तार देने और उसकी वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है. उन्होंने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भी समर्थन जताया. दोनों नेताओं का विचार है कि दुनिया के लिए एक स्वच्छ,समावेशी,अधिक सुरक्षित और अधिक समृद्ध भविष्य के निर्माण के प्रयासों की सफलता के लिए अमेरिका-भारत की साझेदारी महत्वपूर्ण है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक व्हाइट हाउस ने यह बात कही है.
व्हाइट हाउस ने कहा कि,राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्राओं के लिए सराहना की. यूक्रेन में शांति और मानवीय समर्थन के संदेश के लिए,उसके एनर्जी सेक्टर के लिए और संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए भी यह महत्वपूर्ण है. नेताओं ने मध्य पूर्व में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों सहित नौवहन की स्वतंत्रता और वाणिज्यिक सुरक्षा के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की. भारत 2025 में अरब सागर में समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने के लिए संयुक्त समुद्री बलों के साथ काम करने के लिए संयुक्त टास्क फोर्स 150 का सह-नेतृत्व संभालेगा.
राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत द्वारा 31 जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) रिमोट से संचालित विमान और उनके संबंधित उपकरणों की खरीद की दिशा में प्रगति का स्वागत किया. इससे सभी क्षेत्रों में भारत के सशस्त्र बलों द्वारा खुफिया निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी.
व्हाइट हाउस के अनुसार,राष्ट्रपति बाइडेन और पीएम मोदी ने पिलर III,पिलर IV और समृद्धि के लिए इंडो-पैसिफिक इकानॉमिक फ्रेममर्क पर के तहत समझौतों पर भारत के हस्ताक्षर और समर्थन का स्वागत किया.
व्हाइट हाउस ने कहा है कि,अमेरिका और भारत साझा राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए स्थायी रूप से प्रतिबद्ध हैं. हमारे आर्थिक विकास एजेंडे के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में हम क्लीन एनर्जी ट्रांजीशन के लाभ हासिल करने के लिए मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं. इसमें हमारी आबादी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों का सृजन,वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग में तेजी लाना और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों की प्राप्ति शामिल है. इन उद्देश्यों के समर्थन में अमेरिका और भारत स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और घटकों के लिए पूरक अमेरिकी और भारतीय विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने और अफ्रीका में साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ तीसरे देशों में बढ़े हुए सहयोग के लिए आधार तैयार करने के लिए द्विपक्षीय तकनीकी,वित्तीय और नीतिगत समर्थन को बढ़ाने और विस्तारित करने का इरादा रखते हैं.
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