2024-10-20 HaiPress
नई दिल्ली:
बांग्लादेश में कुछ महीने पहले छात्रों के नेतृत्व में हुआ विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया था,जिसने शेख हसीना को सत्ता से बाहर कर दिया था. इसके महीनों बाद,अब उन गुप्त जेलों के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं,जहां पूर्व प्रधानमंत्री के विरोधियों को रखा जाता था. तब जबरन गिरफ्तार किए गए कई लोग अब सामने आ रहे हैं और उस दौरान इन जेलों के अंदर क्या-क्या होता था,उसके बारे में बता रहे हैं. इसे 'अयनाघोर' कहा जाता है,जिसका शाब्दिक अनुवाद 'दर्पणों का घर' है.
बांग्लादेश और इसकी 170 मिलियन आबादी एक अंतरिम सरकार के तहत नए भविष्य की तैयारी कर रही है और इसमें वो लोग भी शामिल हैं,जिन्होंने लगभग मान लिया था कि वो कभी जेल से आजाद नहीं हो पाएंगे.न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक,2009 में शुरू हुए शेख हसीना के शासन के दौरान,सैकड़ों लोगों को कथित तौर पर सुरक्षाबलों ने छोटे-छोटे प्रदर्शन के लिए भी गिरफ्तार कर लिया. कहा जाता है कि कई लोगों को कथित तौर पर मार भी दिया गया और उनके शवों को फेंक दिया गया. वहीं कुछ को गुप्त सैन्य हिरासत केंद्र में डाल दिया गया. इसे 'हाउस ऑफ मिरर्स' नाम दिया गया था.
मानवाधिकार संगठनों का अनुमान है कि 2009 से अब तक 700 से अधिक लोग जबरन लापता किए गए हैं. हालांकि उनका कहना है कि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं और अधिक होने की उम्मीद है.
कुछ मामलों में,विरोध जताने के लिए रैली आयोजित करने या सड़कों को जाम करने या यहां तक कि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने पर भी इसका शिकार होना पड़ता था.
कतर और वियतनाम में बांग्लादेश के पूर्व राजदूत मारूफ ज़मान ने 467 दिन जेल में बिताए हैं. उन्होंने ढाका में उस सैन्य ठिकाने को गूगल मैप पर दिखाया,जहां अयनाघोर में लोगों को गुप्त रूप से रखा गया था.
आर्मी इंटेलिजेंस द्वारा संचालित,'हाउस ऑफ मिरर्स' को ये नाम इसलिए दिया गया,क्योंकि बंदियों को अपने अलावा किसी अन्य व्यक्ति को नहीं देखना था.
ये सेंटर बमुश्किल जीने के लायक जीवन की इजाजत देता था. यहां पूछताछ के दौरान लोगों को फिजिकल टॉर्चर का सामना करना पड़ा. हर चार से छह महीने में कैदियों के बाल काटे जाते थे.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि इसके पीछे का लक्ष्य माइंड को टॉर्चर करना था.
जेल के अंदर बिना खिड़की वाले कमरे में चौबीसों घंटे जंजीरों से जकड़ कर रखा जाता था. इसके अलावा जेलरों को सख्त निर्देश दिया गया था कि वे बाहरी दुनिया की खबरें उन्हें ना बताएं. इसके अलावा उन्हें लगभग हर समय हथकड़ी पहनाकर रखा जाता था.
कुछ पूर्व बंदियों ने बताया कि हिरासत केंद्र में लंबे गलियारे थे,जिनमें आधा दर्जन कमरे थे,जो दूर-दूर थे. इसके हर एक छोर पर शौचालय थे. सभी कोठरी में बड़े-बड़े एग्ज़ॉस्ट फैन लगे हुए थे.