2024-10-27 HaiPress
आईआईटी जोधपुर में खुलेगा जनरेटिव एआई,सृजन केंद्र
नई दिल्ली:
इंडियाएआई (IndiaAI) और मेटा ने आईआईटी जोधपुर में जनरेटिव एआई (Generative AI),केंद्र की स्थापना की घोषणा की है. इस पहल में 'कौशल एवं क्षमता निर्माण के लिए युवाआई(YuvAi) पहल' का शुभारंभ भी शामिल है.इस सहयोग का उद्देश्य स्वदेशी एआई अनुप्रयोगों के विकास को बढ़ावा देकर और कौशल विकास और अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाकर भारत में ओपन-सोर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को आगे बढ़ाना है. मेटा,मीटीई और एआईसीटीई द्वारा शुरू की गई युवाआई(YuvAi) पहल का उद्देश्य 18-30 वर्ष की आयु के 100,000 छात्रों और युवा डेवलपर्स को सशक्त बनाना है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा,"भारत सरकार इंडियाएआई पहल के तहत समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए एआई इनोवेशनऔर कौशल विकास के दृष्टिकोण का समर्थन कर रही है."
आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर डॉ. मयंक वत्स ने कहा कि सृजन,भारत में फाउंडेशन मॉडल और जनरेटिव एआई अनुसंधान का अग्रणी केंद्र बनेगा.इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा था कि देश का एआई मिशन उद्योग,सरकार और शिक्षा जगत के बीच मजबूत सहयोग से आगे बढ़ रहा है. वैष्णव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने मेटा के मुख्य एआई वैज्ञानिक डॉ. यान लेकन से मुलाकात की और एआई में देश की क्षमता और युवाओं को कौशल प्रदान करने पर चर्चा की. आईआईटी जोधपुर और मेटा के साथ जेनएआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) और एआईसीटीई और मेटा के साथ युवाएआई स्किलिंग,एलएलएम (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) पर एक लाख छात्रों को प्रशिक्षित करने को लेकर चर्चा हुई."
लेकुन ने कहा कि “एआई ओपन प्लेटफॉर्म के पारिस्थितिकी तंत्र में भारत आज जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कल भी निभा सकता है,उस पर चर्चा करना खुशी की बात है." मेटा ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में इंडियाएआई के साथ एक रणनीतिक सहयोग की घोषणा की,जिसमें आईआईटी जोधपुर में 'श्रीजन' नामक जनरेटिव एआई केंद्र की स्थापना और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ साझेदारी में "कौशल और क्षमता निर्माण के लिए एआई" पहल का शुभारंभ शामिल है.
मेटा ने केंद्र की सफल स्थापना और संचालन सुनिश्चित करने के लिए अगले तीन वर्षों में 7.5 करोड़ रुपये तक निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है. मेटा इंडिया के उपाध्यक्ष और सार्वजनिक नीति प्रमुख शिवनाथ ठुकराल के अनुसार,कंपनी एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है जहां स्वदेशी समाधान उभरकर सामने आए.
अगले तीन वर्षों में,इस पहल के तहत एक लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और पाठ्यक्रम,केस स्टडी और खुले डेटासेट की सुविधा वाला एक जनरल एआई रिसोर्स हब स्थापित किया जाएगा.