जापान के लोगों को खोई हुई चीजें वापस कैसे मिल जाती हैं,जानिए. (सांकेतिक फोटो)
दिल्ली:
खोई हुई चीजें किस्मतवालों को ही वापस मिलती है.. ये कहावत बहुत ही आम है. लेकिन जापान के लिए यह कहावत बिल्कुल भी फिट नहीं बैठती है. खासकर टोक्यो में तो बिल्कुल भी नहीं. यहां पर खोई हुई चीज मिलना बहुत ही आसान है. ये चीजें अपने मालिक तक पहुंच ही जाती है. चाहे छाता हो,चाबी हो,कुत्ते,बिल्लियां हों या फिर कुछ और. अगर आपने गलती से भी अपना सामान खो भी दिया तो घबराने की जरूरत नहीं है. यहां का पुलिस महकमा इन चीजों को आप तक पहुंचाने में पूरी जी जान लगा देगा है और तब तक चैन की सांस नहीं लेगा,जब तक उनको आप तक पहुंचा न दे.
जापान में खोई हुई चीजें वापस कैसे मिल जाती हैं?
टोक्यो पुलिस तो इस बात का खास ख्याल रखती है कि खोई हुई चीजें अपने मालिक चक आसानी से पहुंच जाएं. जापान में,खोई हुई चीजें शायद ही कभी लंबे समय तक अपने मालिकों से अलग रहती हों. यहां तक कि टोक्यो जैसे बड़े शहर में भी ऐसा ही है. जब कि यहां कि जनसंख्या 14 मिलियन है. फिर भी यहां के लोगों को खोई हुई चीजें मिल ही जाती हैं.
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कैसे काम करती है जापान की पुलिस?
67 साल के टूरिस्ट गाइड हिरोशी फुजी ने टोक्यो के मेगा पुलिस खोया-पाया केंद्र के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटक अक्सर अपनी चीजें वापस पाकर हैरान हो जाते हैं. पुलिस सेंटर के डायरेक्टर हारुमी शोजी ने एएफपी को बताया कि पुलिस सेंटर के करीब 80 कर्मचारी यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात हैं कि डेटाबेस सिस्टम का उपयोग करके चीजों को अच्छी तरह से व्यवस्थित किया जाए. उन्होंने कहा कि हर चीज़ को टैग किया जाता है,ताकि उसे उसके असली मालिक तक जल्द पहुंचाया जा सके.
खोए हुए कुत्ते-बिल्लियां भी वापस मिल जाते हैं
शोजी ने कहा कि आईडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस सबसे ज्यादा बार खो जाते हैं. यहां पर तो खोए हुए कुत्तों,बिल्लियों और यहां तक कि फ्लाइंग स्क्विरल तक को पुलिस स्टेशनों में छोड़ दिया जाता है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 4 मिलियन से ज्यादा चीजों को टोक्यो मेट्रोपॉलिटन पुलिस को सौंपा गया था,जिनमें से करीब 70% कीमती सामान जैसे वॉलेट,फोन और अहम दस्तावेज थे. इन सभी चीजों को पुलिस ने सही तरीके से उनके मालिकों तक पहुंचा दिया.
2,100 वर्ग फुट में रखे गए सिर्फ खोए हुए छाते
शोजी ने कहा,भले ही चाभी ही क्यों न हो,हम इसके साथ हम इसको की रिंग के साथ जानकारी दर्ज करते हैं.अगर तीन महीने के भीतर पुलिस केंद्र में कोई भी इसे लेने नहीं आता है तो इन चीजों को बेच दिया जाता है या खत्म कर दिया जाता है. 2,100 वर्ग फुट जगह पर सिर्फ खोई हुई छतरियां ही रखी जाती हैं. जिनमें 300,000 छाते पिछले साल लाए गए थे,उनमें से केवल 3,700 ही वापस जा सके.
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