बांग्लादेश : चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया बरी

2024-11-28 HaiPress

ढाका:

बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया. इस मामले में निचली अदालत ने उन्हें सात साल के कारवास की सजा सुनाई थी. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी.

जिया (79) को 2018 में जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में ढाका की एक अदालत ने दोषी करार दिया था. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के कार्यकाल के दौरान उन्हें सात साल की कैद की सजा सुनाई गई थी और उन पर 10 लाख टका (बांग्लादेशी मुद्रा) का जुर्माना भी लगाया गया था.

समाचार पोर्टल ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम' की खबर के मुताबिक,न्यायमूर्ति ए.के.एम. असदुज्जमां और न्यायमूर्ति सैयद इनायत हुसैन की पीठ ने जिया की अपील को स्वीकार करते हुए निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के फैसले को पलट दिया.वहीं,डेली स्टार ने अपनी खबर में कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने 2011 में तेजगांव थाने में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था,जिसमें जिया और तीन अन्य पर अज्ञात स्रोतों से ट्रस्ट के वास्ते धन जुटाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था.

बीएनपी की अध्यक्ष को जिया अनाथालय न्यास भ्रष्टाचार मामले में एक विशेष अदालत द्वारा पांच साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद आठ फरवरी,2018 को पुरानी ढाका सेंट्रल जेल भेज दिया गया था.उच्च न्यायालय ने 30 अक्टूबर 2018 को उनकी सजा बढ़ाकर 10 साल कर दी थी. बाद में उन्हें जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया. जिया मार्च 1991 से मार्च 1996 तक और फिर जून 2001 से अक्टूबर 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।
© कॉपीराइट 2009-2020 युवा रोजाना      हमसे संपर्क करें   SiteMap