2024-12-06 HaiPress
Adani Group ने स्पष्ट तौर पर पारदर्शिता और कानूनों के सम्मान की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा था कि ग्रुप की सभी व्यापारिक गतिविधियां कानूनों के मुताबिक हैं.
नई दिल्ली:
OCCRP (ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) को जो बाइडेन सरकार के कार्यकाल बड़ी वित्तीय मदद मिली है. इससे NGO की वित्तीय मामलों की रिपोर्टिंग में पूर्वाग्रह से जुड़ी चिंताएं सामने आई हैं. एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट के मुताबिक,अमेरिका सरकार द्वारा वित्त पोषित होने के चलते NGO अपना ध्यान रूस और वेनेजुएला जैसे देशों पर केंद्रित करने के लिए बाधित हुआ,जिन्हें वाशिंगटन अपना विरोधी मानता रहा है.
दरअसल इस फंडिग के कारण OCCRP की इन्वेस्टिगेटिव प्राथमिकताएं तय होती हैं और अदाणी ग्रुप समेत वैश्विक मामलों से जुड़ी इसकी कवरेज के प्रभावित होने की संभावना है.
ये खुलासा फ्रांस बेस्ड न्यूज मीडिया फर्म मीडियापार्ट की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में हुआ है. इस रिपोर्ट का टाइटल 'The hidden links between a giant of investigative journalism and the US government' है.OCCRP को US ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स एंड ला इनफोर्समेंट अफेयर्स से मिली वित्तीय मदद के बाद स्थापित किया गया था. फिलहाल ये स्थिति है कि OCCRP का आधा बजट अमेरिकी सरकारी फंड से आता है,सरकार के पास ऑर्गेनाइजेशन में अहम नियुक्तियों पर वीटो पावर होता है,इसमें ऑर्गेनाइजेशन के को-फाउंडर ड्रयू सुलिवन की नियुक्ति भी शामिल है.
रिपोर्ट के मुताबिक अपनी स्थापना के बाद से OCCRP को अमेरिकी सरकार से 47 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है. इसके अलावा NGO को 1.1 मिलियन डॉलर यूरोपियन यूनियन,14 मिलियन डॉलर 6 यूरोपीय देशों (ब्रिटेन,स्वीडन,डेनमार्क,स्विट्जरलैंड,स्लोवाकिया और फ्रांस) से मिला है. जबकि अमेरिकी गृह विभाग ने वेनेजुएला में भ्रष्टाचार के एक मामले को निशाना बनाने से जुड़े मिशन के लिए NGO को 1,73,324 डॉलर दिए थे. बता दें वेनेजुएला के लीडर निकोलस मादुरो को अमेरिका का विरोधी माना जाता है.
(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited,an Adani Group Company.)