Stock Market Updates: भारतीय शेयर बाजार के दोनों बेंचमार्क इंडेक्स लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं.
नई दिल्ली:
Share Market Updates 9 January:वैश्विक संकेतों में मिले-जुले असर के बावजूद भारतीय शेयर बाजार 9 जनवरी को कमजोर खुला. बीएसई सेंसेक्स 57.72 अंक (0.074%) की बढ़त के साथ 78,206.21 पर जबकि निफ्टी 50 में 14.20 अंक (0.060%) की गिरावट आई और यह 23,674.75 पर खुला. प्री-ओपन सत्र में सेंसेक्स में हल्की बढ़त देखने को मिली,जबकि निफ्टी 23,650 के ऊपर बना हुआ था.
एशियाई बाजारों में बिकवाली के कारणगिरावट
सुबह 9:21 बजे बीएसई सेंसेक्स 243 अंक,यानी 0.31% की गिरावट के साथ 77,893 पर था,जबकि निफ्टी50 72 अंक,यानी 0.30% की गिरावट के साथ 23,616 पर कारोबार कर रहा था. यह गिरावट एशियाई बाजारों में बिकवाली के कारण हो रही है. जापान का निक्केई और हांगकांग का हांग सेंग जैसे एशियाई इंडेक्स शुरुआती कारोबार में गिर रहे हैं. जबकि वॉल स्ट्रीट पर मिली-जुली प्रदर्शन के बाद यह गिरावट देखी जा रही है.
केवल आईटी और मीडिया सेक्टर में तेजी
एनएसई के सेक्टोरल इंडेक्स में केवल आईटी और मीडिया सेक्टर हरे निशान में थे,जबकि बाकी सेक्टर लाल निशान में रहे.
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से टाटा मोटर्स,लार्सन एंड टूब्रो,जोमैटो,स्टेट बैंक ऑफ इंडिया,सन फार्मा,पावर ग्रिड,बजाज फाइनेंस और एनटीपीसी के शेयर में सबसे अधिक गिरावट आई. वहीं,कोटक महिन्द्रा बैंक,इंफोसिस,महिन्द्रा एंड महिन्द्रा,टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एशियन पेंट्स के शेयर फायदे में रहे.
निवेशक धीमे आर्थिक विकास के अनुमान को ध्यान में रखते सतर्क
पिछले ट्रेडिंग सत्र में घरेलू शेयर बाजारों ने अपने निचले स्तर से उबरकर मामूली बदलाव के साथ कारोबार खत्म किया. बाजार के निवेशक धीमे आर्थिक विकास के अनुमान और तीसरी तिमाही की कमाई रिपोर्ट्स को ध्यान में रखते हुए सतर्क हैं,जिसके कारण बाजार में उतार-चढ़ाव दिख रहे हैं.
एफआईआई की बिकवाली भी गिरावट की वजह
विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के चलते भी सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई.शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक,विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,362.18 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में बाजार में कुछ नकारात्मक भावना बनी रह सकती है,क्योंकि अमेरिकी बांड यील्ड्स और फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कम कटौती की चिंता है.
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