
जयशंकर ने राज्यसभा में प्रवासी भारतीयों पर दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली:
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका द्वारा भेजे गए प्रवासी भारतीयों को लेकर बजट सत्र के दौरान गुरुवार को राज्यसभा को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान कहा कि डिपोर्टेशन की ये कार्रवाई कोई नई नहीं है. आज से पहले भी जो लोग गैर-कानूनी तरीके से किसी भी दूसरे देश में रहते हुए पाए जाते थे,उन्हें उनके देश भेजा जाता था. मैं आपसे ये साफ कर देना चाहता हूं कि मोबिलिटी और माइग्रेशन किसी देश को आगे बढ़ाने में काफी अहम भूमिका निभाती है. एक देश के तौर पर हम लीगल मोबिलिटी ( कानूनी रूप से लोगों के एक देश से दूसरे देश जाने) को बढ़ावा देते हैं,जबकि अवैध मोबिलिटी को हम कभी भी बढ़ावा नहीं देते. हमारेजो भी नागरिक गैर-कानूनी तरीके से किसी भी दूसरे देश में गए हैं,वो देश अपने कानून के हिसाब से उन्हें पकड़कर वापस भेजता है. ये प्रक्रिया कोई नई नहीं है.
आज तक कितने लोगों को किया गया डिपोर्ट
कब कब भेजे गए लोगकितनी थी संख्या2009734
2010799
2011597
2012530
2013550
2014591
2015708
20161303
20171024
20181180
20192042
20201889
2021805
2022862
20241368
2025104
2009 से चली आ रही है ये प्रक्रिया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदन में कहा कि जो भारतीय किसी भी देश में अवैध तरीके से रह रहे थे उन्हें स्वदेश भेजने की प्रक्रिया 2009 से ही चली आ रही है.जबकि लोगों को विमान से भेजे जाने की प्रथा 2012 से चल रही है. इस प्रक्रिया में कुछ भी नया नहीं किया गया है.
'नियमों के तहत भारत डिपोर्ट हुए हैं नागरिक'
राज्यसभा में बयान देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सांसदों को जानना चाहिए कि यह कोई नहीं बात नहीं है,ऐसा पहले से भी होता रहा है. साल 2009 में 747 अवैध प्रवासियों को भेजा गया था. इसी तरह साल दर साल सैकड़ों लोगों को वापस भेजा गया. हर देश में में राष्ट्रीयता की जांच होती है. 2012 से ही मिलिट्री प्लेन से भेजने का नियम लागू है. इसे लेकर कोई भेदभाव नहीं होता है. अवैध प्रवासी फंसे हुए थे,उन्हें वापस लेकर आना ही था. जयशंकर के बयान के दौरान विपक्षी सदस्यों की तरफ से सदन में लगातार हंगामे हो रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की संधि का किया जिक्र
राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि डिपोर्टेशन का नियम काफी पुराना है. उन्होंने डिपोर्टेशन पर संयुक्त राष्ट्र की संधि का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ये लीगल माइग्रेशन को सपोर्ट करने और इलीगल माइग्रेशन को हतोस्ताहित करने के लिए है. साथ ही उन्होंने कहा कि डिपोर्टेशन के मामले पर हम लगातार अमेरिकी सरकार से संपर्क में हैं ताकि भारतीयों के साथ किसी तरह का अमानवीय बर्ताव ना हो सके.
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