2025-02-06
IDOPRESS
नई दिल्ली:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पर बयान देकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. ट्रंप ने गाजा को विनाश और मौतों का प्रतीक बताया है. उन्होंने कहा कि गाजा के लोग वहां केवल इसलिए जाना चाहते हैं कि उनके पास कहीं और जाने का विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा है कि वो गाजा को अपने कब्जे में लेकर उसे फिर से बसाना चाहते हैं और वहां लोगों के लिए नौकरियां पैदा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि गाजा का पुनर्निर्माण होने तक वहां से लोगों को हटाकर किसी दूसरे अरब देश में भेज देना चाहिए. ट्रंप ने यह बयान तब दिया जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू उनके साथ थे. ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अमेरिका का दौरा करने वाले नेतन्याहू पहले विदेशी नेता हैं. ट्रंप की इस योजना को हमास का संचालन कर रहे हमास ने खारिज कर दिया है.
डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले इजरायल और हमास में युद्धविराम समझौते हुआ. यह समझौता 19 जनवरी से लागू है.
नेतन्याहू की मौजूदगी में ट्रंप ने अमेरिका के फिलस्तीन-इजरायल विवाद के समाधान के द्वि-राष्ट्र के आधिकारिक स्टैंड के खिलाफ भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि उनके इस बयान का दो राष्ट्र,एक राष्ट्र या किसी भी राष्ट्र से कोई मतलब नहीं है.
उन्होंने कहा कि यहां लोगों को कभी जीने का मौका नहीं मिला.ट्रंप के शपथ लेने से पहले उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति जो बाइडेन के द्वि-राष्ट्र के सिद्धांत का समर्थन करते रहे.
मिस्र,जॉर्डन,सऊदी अरब,संयुक्त अरब अमीरात,कतर,फलस्तीनी प्राधिकरण और अरब लीग ट्रंप की योजना के खिलाफ हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के आने से ठीक पहले ही इजरायल और हमास ने एक युद्धविराम समझौते पर दस्तखत किए थे. यह समझौता 19 जनवरी को लागू हुआ था. इस समझौते के लिए अमेरिका के अलावा कतर और मिस्र ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी. समझौते को जो बाइडेन प्रशासन के विदेश नीति की बहुत बड़ी जीत के रूप में देखा गया था. ट्रंप के इस बयान के बाद अब इस युद्ध विराम समझौते पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.इजरायल-हमास के इस 42 दिनों के संघर्ष विराम में 33 इजरायली बंदियों और करीब दो हजार फिलस्तीनी कैदियों की रिहाई होनी है. इसकी समय सीमा एक मार्च को खत्म हो रही है. हालांकि ट्रंप सत्ता संभालने के बाद से ही इस समझौते की स्थितरता को लेकर आशंका जताते रहे हैं. वो इसका श्रेय लेने में भी पीछे नहीं रहे हैं.
अभी मंगलवार को ही हमास के प्रवक्ता ने कहा था कि दूसरे दौर की बातचीत शुरू हो गई है. उनका कहना था कि अगर सहमति बन गई तो गाजा से इजरायल के सभी सैनिकों की वापसी हो जाएगी और हमास सभी कैदियों को रिहा कर देगा.
डोनाल्ड ट्रंप की इस योजना का गाजा पर शासन करने वाले हमास ने खारिज कर दिया है.
इजरायल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध में अब तक गाजा में करीब 50 हजार लोग मारे गए हैं.
युद्धविराम समझौता लागू होने के बाद से ही सबसे बड़ा अनुत्तरित सवाल यही है कि गाजा पर नियंत्रण किसका होगा.इजरायल बहुत पहले से ही कहता रहा है कि वह गाजा पर फिर हमास को शासन करने नहीं देगा. वह हमास को गाजा से उखाड़ फेकेगा. समझौते की घोषणा के बाद फिलस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा ने कहा था गाजा पर शासन का पहला अधिकार फिलस्तीनी प्राधिकरण का है. लेकिन इजरायल गाजा पर फिलस्तीनी प्राधिकरण के शासन के खिलाफ भी है. वह इसे प्राधिकरण की बढ़ते ताकत के रूप में देखता है. यह प्राधिकरण इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक पर कुछ सीमित अधिकारों के साथ शासन करता है. कहा यह भी जाता है कि इजरायल गाजा पर शासन के लिए एक निकाय बनाना चाहता है. इसके लिए वह अमेरिका और कतर के साथ काम कर रहा है. लेकिन ट्रंप के ताजा बयान ने इस अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है कि गाजा पर शासन किसका होगा.
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