2025-02-14
HaiPress
यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका
नई दिल्ली:
इंडियाज गॉट लेटेंट शो में भद्दे और विवादास्पद टिप्पणी करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. इस मामले में यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादी ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है.रणवीर इलाहाबादियाने सुप्रीम कोर्ट से दरखास्त की है कि उनके खिलाफ अलग- अलग राज्यों में दाखिल FIR को एक साथ मर्ज यानी जोड़ दिया जाए. रणवीर इलाहाबादिया की ओर से वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने इस मामले में CJIसंजीव खन्ना से जल्द सुनवाई की मांग भी की है. CJIसंजीव खन्ना ने रणवीर इलाहाबादी की इस याचिका पर सुनवाई के लिए फिलहाल तारीख देने से इनकार कर दिया है और कहा किमेंशनिंग की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर के वकील अभिनव चंद्रचूड़ से कहा कि वो मौखिक तौर पर जल्द सुनवाई की मांग पर विचार नहीं करेंगे. जस्टिस संजीव खन्ना ने इलाहाबादिया के वकील को पहले रजिस्ट्री मे संपर्क करने को भी कहा.
महाराष्ट्र साइबर प्रकोष्ठ और मुंबई पुलिस ने कॉमेडियन समय रैना को भी अगले पांच दिन में पेश होने के लिए कहा है. एक अधिकारी ने बताया कि इलाहाबादिया को गुरुवार को खार थाने में पेश होना था,लेकिन वह नहीं आए और उन्होंने पुलिस से कहा कि उन्हें मीडिया का डर है. अधिकारी ने बताया कि इलाहाबादिया को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वह पूछताछ से बच नहीं सकते और उन्हें शुक्रवार को इसके लिए आना होगा.
इलाहाबादिया और कुछ अन्य के खिलाफ गुवाहाटी में दर्ज मामले की जांच के सिलसिले में मुंबई में मौजूद असम पुलिस की एक टीम ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र साइबर प्रकोष्ठ के अधिकारियों से मुलाकात की. असम पुलिस ने कथित रूप से अश्लीलता को बढ़ावा देने के लिए गुवाहाटी में दर्ज एक मामले के संबंध में इलाहाबादिया,आशीष चंचलानी,रैना,जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा है.
गुवाहाटी के संयुक्त पुलिस आयुक्त अंकुर जैन ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि हास्य कलाकारों को चार दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा. अधिकारिय के अनुसार,मुंबई पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक पदाधिकारी की शिकायत पर रियलिटी शो पर इलाहाबादिया की टिप्पणियों के संबंध में अब तक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अपूर्वा मखीजा समेत सात लोगों के बयान दर्ज किए हैं.
इलाहाबादिया ने एक वीडियो जारी कर माफी मांगी,लेकिन यह मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने यह मुद्दा संसद में भी उठाया और सोशल मीडिया को विनियमित करने के लिए एक कानून बनाने की मांग की.