2025-04-10
IDOPRESS
अयोध्या:
श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य में तेजी देखने को मिल रही है. योगी सरकार की निगरानी में यह ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण कार्य अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार और परकोटा में छह मंदिरों की स्थापना होगी. इनमें सूर्य,भगवती,अन्नपूर्णा,शिवलिंग,गणपति और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल हैं. इसके अलावा,शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की मूर्ति स्थापित की जाएगी. सप्त मंडप में महर्षि वाल्मीकि,वशिष्ठ,विश्वामित्र,अगस्त्य मुनि,निषाद राज,शबरी और अहिल्या की मूर्तियां स्थापित होंगी.
ये सभी प्रतिमाएं सफेद मकराना मार्बल से तैयार की गई हैं,जिनका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. मूर्तियों के श्रृंगार,वस्त्र और आभूषणों की तैयारी भी जोरों पर है.
चंपत राय ने बताया कि तुलसीदास की मूर्ति पहले ही स्थापित की जा चुकी है और यात्री सुविधा केंद्र के मंडप में श्रद्धालु उनके दर्शन कर सकेंगे. 15 अप्रैल के बाद जयपुर से इन मूर्तियों को अयोध्या लाने का कार्य शुरू होगा. जैसे-जैसे मूर्तियां पहुंचेंगी,उन्हें निर्धारित स्थानों पर रखा जाएगा. कुल 18 प्रतिमाओं की स्थापना का कार्य लार्सन एंड टुब्रो द्वारा संपन्न किया जाएगा.
शेषावतार मंदिर का कार्य बाद में शुरू होगा,जिसके लिए अंदर के टावर क्रेन से हटाए जाएंगे. इसके बाद परकोटा के उत्तर और दक्षिण हिस्से का निर्माण शुरू होगा. राम मंदिर का निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
चंपत राय ने बताया कि शिखर का पूजन हो चुका है और भुज दंड सहित अन्य हिस्सों की स्थापना क्रमिक रूप से की जाएगी. प्रयागराज के पुरंदर दास और गिलहरी की प्रतिमाएं भी मंदिर परिसर में स्थापित होंगी. योगी सरकार की सक्रिय भागीदारी से यह परियोजना न केवल धार्मिक,बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के लिहाज से भी अयोध्या को नई पहचान दे रही है. सरकार का लक्ष्य है कि यह मंदिर संपूर्ण भारत के लिए एकता और श्रद्धा का प्रतीक बने.