2025-05-21
IDOPRESS
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांतिदूत कहा है
भारत से मूंह की खाने के बाद पाकिस्तान आजकल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चापलूसी में बिजी है. कराची में पाकिस्तान नौसेना डॉकयार्ड के दौरे पर पहुंचे के वहां के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने ट्रंप को शांतिदूत (मैन ऑफ पीस) बताया है. वो भारत की मार से बचाने के लिए ट्रंप को शुक्रिया कह रहे हैं,दावा कर रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप शांतिप्रिय व्यक्ति हैं क्योंकि उन्होंने दो परमाणु संपन्न देशों (पाकिस्तान और भारत) के बीच युद्ध टालने में प्रमुख भूमिका निभाई. मतलब पाकिस्तान अमेरिका की चापलूसी के लिए झूठ भी बोल रहा है क्योंकि भारत ने साफ-साफ कहा है कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर के लिए सिर्फ उससे बात हुई है और वह भी वहां की सेना ने भारत की सेना को पहले कॉल किया था.
सवाल है कि पाकिस्तान ट्रंप की चापलूसी क्यों कर रहा है और जब से ट्रंप ने दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली है,क्या उन्होंने एक दफा भी अपने व्यक्तिगत हित (अमेरिकी हित भी) को छोड़कर शांतिदूत होने का कोई परिचय दिया है? देखते हैं.
शहबाज ने कहा,"राष्ट्रपति ट्रम्प शांतिप्रिय व्यक्ति हैं क्योंकि उन्होंने दो परमाणु देशों (पाकिस्तान और भारत) के बीच युद्ध को टालने में प्रमुख भूमिका निभाई." शहबाज ने कहा कि वह कश्मीर विवाद के समाधान के लिए "ईमानदार भूमिका" निभाने की इच्छा के लिए राष्ट्रपति ट्रंप का आभार व्यक्त करना चाहते हैं.लगता है कि शहबाज कश्मीर के असली बॉस भारत के स्टैंड को भूल रहे हैं और रावलपिंडी तक एयरस्ट्राइक की मार खाने के बाद भी लाइन पर नहीं आ रहे हैं. भारत ने कश्मीर पर पाकिस्तान की हिमाकत शुरू होने के पहले दिन से साफ कर रखा है कि कश्मीर पर किसी तीसरे देश या संगठन को बीच में आने की इजाजत नहीं होगी और पाकिस्तान पर भी बात होगी तो सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर ही होगी.
अब जिस फिलिस्तिनियों के साथ होने का दावा पाकिस्तान और उसके पीएम करते रहे हैं,उसपर ट्रंप का स्टैंड देख लेते हैं. फरवरी और मार्च में ही ट्रंप ने यहां तक प्रस्ताव दिया था कि अमेरिका गाजा पट्टी पर "कब्जा कर ले" और "उसका मालिक" हो जाए. ट्रंप गाजा में भी शांति-शांति चिल्लाते रहे लेकिन वहां इजरायल ने अब आक्रामक रुख अपना लिया है. सीजफायर तो नहीं हुआ,उल्टे अब इजरायली पीएम ने पूरे गाजा पट्टी पर कब्जा करने की घोषणा कर दी है. अब ट्रंप इजरायल से नाराज दिख रहे हैं.
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार,ट्रंप प्रशासन ने बेंजामिन नेतन्याहू सरकार को चेतावनी दी है कि गाजा में युद्ध समाप्त करने में इजरायल की विफलता के कारण अमेरिकी समर्थन वापस ले लिया जाएगा. दूसरी तरफ इजरायली मीडिया ने वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट का गलत करार देते हुए एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा कि वाशिंगटन और यरूशलेम के बीच मतभेद हो सकते हैं,लेकिन यह विचार कि अमेरिका इजरायल को छोड़ देंगे,बेतुका है.