रिपोर्ट में कहा गया है, "2022 में, बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत अदालतों में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कुल 3,563 बाल विवाह मामलों में से, केवल 181 मामलों में ही सुनवाई पूरी होने तक सफलतापूर्वक निपटारा किया गया." लंबित मामलों की दर 92% है, दोषसिद्धि दर 11% है.
07-18