देश की न्याय व्यवस्था पर ही सवाल उठाते हुए एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के मामले में 25 साल से सजा काट रहे कैदी को रिहा करने का आदेश दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नाबालिग होने का मुद्दा किसी भी चरण पर उठाया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि वारदात के समय 1994 में वह नाबालिग था. खास बात ये है कि ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और खुद सुप्रीम कोर्ट ने उसे बालिग मानते हुए मौत की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उसकी पुनर्विचार और क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी थी.
01-09